रिपोर्ट अंकित गुप्ता
सिरौली गौसपुर- बाराबंकी ,जनपद के किसानों की आय का एक स्रोत पशु पालन भी है जनपद मे लगभग सात लाख से अधिक पशुओं का पालन हो रहा ,और इनके गम्भीर रोगों के इलाज की कोई समुचित व्यवस्था उपलब्ध नही है ,जिसको लेकर भाकियू मण्डल उपाध्यक्ष निसार मेहदी ने उपजिलाधिकारी सिरौली गौसपुर अजय कुमार द्विवेदी को मुख्यमंत्री के नाम सम्बोधित एक पत्र सौपा है ,
पत्र मे श्री मेहदी ने लिखा है की जनपद
मे सात लाख से अधिक गौवंश व मसीह वंशी (गाय ,भैस)व साठ से सत्तर हजार भेड बकरी आदि का पालन किसान करके अपनी जीविका चला रहा है ,किन्तु राजधानी से सटा जनपद होने के बाद भी पशुओं की गम्भीर बीमारी गलाघोंटू रोग, रेड वाटर, सर्रा रोग, ब्लैक क्वार्टर, जनित रोग, पशु प्लेग, डेगनाला, हेमोरेजिक, लिवर फ्लूक, आदि की जांच हेतु कोई भी मशीन उपकरण उपलब्ध नही है , पशु चिकित्सक अनुभव या लक्षण से ही पशुओं का इलाज कर रहे है ,जिससे दिन प्रतिदिन इलाज के दौरान पशुओं की मृत्यु हो रही है ,भाकियू नेता ने माँग की है कि जनपद की तहसील स्तर पर बने पशु चिकित्सालयों मे पशु रोग निदान प्रयोगशाला स्थापित की जाये जहाँ पशुओं के खून की जांच, अल्ट्रासाउंड, एक्सरा मशीन, गोबर जांच मशीन, मूत्र जांच मशीन आदि लगाई जाए ,जिससे पशुओं का समुचित इलाज हो सके और मृत्यु दर मे कामी आये
सिरौली गौसपुर- बाराबंकी ,जनपद के किसानों की आय का एक स्रोत पशु पालन भी है जनपद मे लगभग सात लाख से अधिक पशुओं का पालन हो रहा ,और इनके गम्भीर रोगों के इलाज की कोई समुचित व्यवस्था उपलब्ध नही है ,जिसको लेकर भाकियू मण्डल उपाध्यक्ष निसार मेहदी ने उपजिलाधिकारी सिरौली गौसपुर अजय कुमार द्विवेदी को मुख्यमंत्री के नाम सम्बोधित एक पत्र सौपा है ,
पत्र मे श्री मेहदी ने लिखा है की जनपद
मे सात लाख से अधिक गौवंश व मसीह वंशी (गाय ,भैस)व साठ से सत्तर हजार भेड बकरी आदि का पालन किसान करके अपनी जीविका चला रहा है ,किन्तु राजधानी से सटा जनपद होने के बाद भी पशुओं की गम्भीर बीमारी गलाघोंटू रोग, रेड वाटर, सर्रा रोग, ब्लैक क्वार्टर, जनित रोग, पशु प्लेग, डेगनाला, हेमोरेजिक, लिवर फ्लूक, आदि की जांच हेतु कोई भी मशीन उपकरण उपलब्ध नही है , पशु चिकित्सक अनुभव या लक्षण से ही पशुओं का इलाज कर रहे है ,जिससे दिन प्रतिदिन इलाज के दौरान पशुओं की मृत्यु हो रही है ,भाकियू नेता ने माँग की है कि जनपद की तहसील स्तर पर बने पशु चिकित्सालयों मे पशु रोग निदान प्रयोगशाला स्थापित की जाये जहाँ पशुओं के खून की जांच, अल्ट्रासाउंड, एक्सरा मशीन, गोबर जांच मशीन, मूत्र जांच मशीन आदि लगाई जाए ,जिससे पशुओं का समुचित इलाज हो सके और मृत्यु दर मे कामी आये



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