खबर चन्दौली जनपद के मुगलसराय से है जहाँ जिले की मुगलसराय सीट से विधायिका साधना सिंह को निजीकरण वापस लिये जाने हेतु ज्ञापन सौंपते देते हुए बिजली विभाग के अधिकारियों ने मांग की कि सरकार को ऐसा करने से रोकने में मदद करें। जिले के अधिशासी अभियन्ता प्रवीन कुमार ने विधायक को मांगपत्र सौंपा।
इस संदर्भ में चल रहे प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने प्रदेश के उर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा पर कटाक्ष करते हुए उनके इस बयान पर कि सरकार घाटे का 77 हजार करोड़ उठाने की स्थिति में नहीं है पर आज विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कहा कि घाटे का जिम्मेदार कर्मचारी नहीं शासन में बैठे गलत नीति निर्धारक है जो अपने नीजि स्वार्थ के चलते हमेशा से बिजली क्षेत्र को मुहरा बनाते रहे हैं।
उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा दिये जाने के नाम पर, कभी ब्याज माफी, तो कभी मुफ्त कनेक्शन, तो कभी 24 घन्टे विद्युत आपूर्ति हेतु खुद कर्ज में डूबे पावर कार्पोरेशन द्वारा उधार बिजली खरीद के जरिए नीति निर्धारकों ने उर्जा क्षेत्र को बदहाली के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया और घाटे का ठीकरा कर्मचारियों के सर फोड़ते हुए आज सरकार अपनी नाकामियों पर पर्दा डाल कर स्वयं के जिम्मेदारियों से बचकर भागना चाहती हैं।
नेताओं ने कहा कि हम शासन के महत्वाकांक्षी योजनाओं को उपभोक्ताओं तक बेहतर से बेहतर ढंग से उपलब्ध कराने के प्रति कटिबद्ध है लेकिन बिजली महकमें जैसी स्वतंत्र सरकारी व्यापारिक प्रतिष्ठान होने के कारण दी जा रही आर्थिक सुविधाओं की अन्य श्रोतों से भरपाई भी आवश्यक है।
रिपोर्ट-विनय तिवारी जनपद चंदौली
इस संदर्भ में चल रहे प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने प्रदेश के उर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा पर कटाक्ष करते हुए उनके इस बयान पर कि सरकार घाटे का 77 हजार करोड़ उठाने की स्थिति में नहीं है पर आज विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कहा कि घाटे का जिम्मेदार कर्मचारी नहीं शासन में बैठे गलत नीति निर्धारक है जो अपने नीजि स्वार्थ के चलते हमेशा से बिजली क्षेत्र को मुहरा बनाते रहे हैं।
उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा दिये जाने के नाम पर, कभी ब्याज माफी, तो कभी मुफ्त कनेक्शन, तो कभी 24 घन्टे विद्युत आपूर्ति हेतु खुद कर्ज में डूबे पावर कार्पोरेशन द्वारा उधार बिजली खरीद के जरिए नीति निर्धारकों ने उर्जा क्षेत्र को बदहाली के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया और घाटे का ठीकरा कर्मचारियों के सर फोड़ते हुए आज सरकार अपनी नाकामियों पर पर्दा डाल कर स्वयं के जिम्मेदारियों से बचकर भागना चाहती हैं।
नेताओं ने कहा कि हम शासन के महत्वाकांक्षी योजनाओं को उपभोक्ताओं तक बेहतर से बेहतर ढंग से उपलब्ध कराने के प्रति कटिबद्ध है लेकिन बिजली महकमें जैसी स्वतंत्र सरकारी व्यापारिक प्रतिष्ठान होने के कारण दी जा रही आर्थिक सुविधाओं की अन्य श्रोतों से भरपाई भी आवश्यक है।
रिपोर्ट-विनय तिवारी जनपद चंदौली



Post A Comment:
0 comments so far,add yours