परिस्थितियों ने बनाया बालू खाने का आदी
अतर्रा बांदा, बदौसा रोड अतर्रा निवासी 80 वर्ष के वृद्ध मोहनलाल जिनके परिवार में चार बच्चे और पत्नी भी हैं बीमारी के कारण इलाहाबाद और विभिन्न स्थानों में चक्कर लगाने के बाद किसी संत ने इनको मुंह में बालू डालने की सलाह दिया संत द्वारा बताए गए उस नुक्से से बाबा जी की बीमारी तो चली गई लेकिन यह बाबा धीरे-धीरे बालू खाने के आदी हो गए और प्रतिदिन पत्नी बच्चों के मना करने के बावजूद भी चोरी से 400 ग्राम बालू प्रतिदिन खा जाते हैं बाबा पूर्णतया स्वस्थ हैं आप देख सकते हैं बालू खाने से ना तो उनको आज तक पेट संबंधी बीमारी हुई और ना पथरी की समस्या आई है बाबा अपनी टोपी में बालू खाने वाला बाबा लिखा कर पूरे शहर में घूमते हैं बालू खाने से उनकी मुंह के सूखने की जो समस्या थी समाप्त हो चुकी है उनकी बताने के अनुसार बालू खाने से पूर्णतया मुंह में लार पर्याप्त मात्रा में बनती है
ब्यूरो चीफ दैनिक रिपोर्ट
अतर्रा बांदा, बदौसा रोड अतर्रा निवासी 80 वर्ष के वृद्ध मोहनलाल जिनके परिवार में चार बच्चे और पत्नी भी हैं बीमारी के कारण इलाहाबाद और विभिन्न स्थानों में चक्कर लगाने के बाद किसी संत ने इनको मुंह में बालू डालने की सलाह दिया संत द्वारा बताए गए उस नुक्से से बाबा जी की बीमारी तो चली गई लेकिन यह बाबा धीरे-धीरे बालू खाने के आदी हो गए और प्रतिदिन पत्नी बच्चों के मना करने के बावजूद भी चोरी से 400 ग्राम बालू प्रतिदिन खा जाते हैं बाबा पूर्णतया स्वस्थ हैं आप देख सकते हैं बालू खाने से ना तो उनको आज तक पेट संबंधी बीमारी हुई और ना पथरी की समस्या आई है बाबा अपनी टोपी में बालू खाने वाला बाबा लिखा कर पूरे शहर में घूमते हैं बालू खाने से उनकी मुंह के सूखने की जो समस्या थी समाप्त हो चुकी है उनकी बताने के अनुसार बालू खाने से पूर्णतया मुंह में लार पर्याप्त मात्रा में बनती है
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