लखनऊ : चित्रकूट धाम मण्डल :  'बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाअाे' नारों के बीच योगी सरकार का पहला वर्ष चित्रकूट धाम मंडल की महिलाओं के लिए अपराधों से भरपूर रहा। एक भी दिन महिला अपराधों से अछूता नहीं रहा। औसतन हर दिन महिलाओं की अस्मत से खिलवाड़ हुआ। इस अवधि में कुल 578 महिला अपराध दर्ज हुए हैं।
तीन जिलों बांदा, चित्रकूट और महोबा में 16 महिलाओं की हत्या कर दी गई। 90 महिलाओं से बलात्कार हुए। 275 महिलाओं का शीलभंग हुआ। 29 महिलाओं की दहेज के लिए हत्या हो गई। 167 महिलाओं का अपहरण किया गया। ये वो अपराध हैं जो पुलिस ने दर्ज किए हैं। खास बात यह है कि इस सच्चाई को यहां के अफसरों ने हाल ही में 12 अप्रैल को चित्रकूटधाम आए मुख्यमंत्री को लिखित तौर पर अवगत भी करा दिया है।
अब ये हालात बदलने के लिए उठाए जाने वाले कदमों को लेकर मुख्यमंत्री की तरफ निगाहें लगी हैं। मुख्यमंत्री ने 12 अप्रैल को चित्रकूट के कलक्ट्रेट में बांदा, चित्रकूट और महोबा जिले के विकास कार्यों और कानून व्यवस्था की समीक्षा की थी। बैठक में मंडल और तीनों जिलों के अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि तीनों जिलों में महिला अपराधों से संबंधित कुल 578 मुकदमे दर्ज हुए हैं।
सबसे ज्यादा 308 मामले महोबा जिले के हैं। चित्रकूट में 239 केस दर्ज हुए हैं। बांदा में मात्र मार्च माह में 31 मामले दर्ज हुए हैं। एक वर्ष में 9 महिलाओं की हत्याएं चित्रकूट जिलों में हुई। महोबा में 7 हत्याएं हुईं। बांदा में सिर्फ मार्च में बलात्कार की 9 घटनाएं हुईं, जबकि एक वर्ष में महोबा में 54 और चित्रकूट में 27 बलात्कार दर्ज हुए हैं। एक वर्ष में महोबा में 153 और चित्रकूट में 114 तथा बांदा में सिर्फ मार्च माह में 8 शीलभंग (धारा 354) के अपराध हुए।
दहेज के लिए की गई महिलाओं की हत्या (धारा 304बी) में एक वर्ष में चित्रकूट का आंकड़ा 16 और महोबा का 10 रहा। बांदा में सिर्फ मार्च माह में तीन दहेज हत्याएं हुईं। अपहरण में भी महोबा अव्वल रहा। एक वर्ष में यहां 83 अपहरण (धारा 363/366) हुए। चित्रकूट में 73 अपहरण बताए गए हैं। बांदा में सिर्फ मार्च माह में 11 अपहरण के केस दर्ज हुए हैं। परोसे गए आंकड़ों में छेड़छाड़ सिर्फ एक बताई गई है। वह भी महोबा जनपद में।

shubham singh
  journalist
manikpur-chitrakoot
Share To:

Post A Comment:

0 comments so far,add yours