भारत सरकार के बहुउद्देशीय योजना स्वच्छभारत मिशन को आइना दिखा रहा है वार्ड मियां टोला सख्यां 01 इज्जत घर (शौचालय) के नाम महज चार हजार की भुगतान चेक रुपए देकर बनवाने का दम भर रही है
*Crime18 News|| Reporter~संदीप कुमार*
*भारत सरकार के बहुउद्देशीय योजना स्वच्छभारत मिशन को आइना दिखा रहा है वार्ड मियां टोला सख्यां 01 इज्जत घर (शौचालय) के नाम महज चार हजार की भुगतान चेक रुपए देकर बनवाने का दम भर रही है नगर पंचायत जहानाबाद जहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार स्वच्छ भारत मिशन के बड़े-बड़े दावे का प्रचार-प्रसार कर स्वच्छ भारत की दम भरते दिखाई दे रहे है वहीँ इसी योजना को नगरपचाँयत आइना दिखाने का कार्य कर रही हैं नगर पंचायत जमीनी हकीकत देखने को मिलती हैं जब सुबह शाम उपरोक्त वार्ड के निवासी शौच क्रिया हेतु अपने घरों से निकल जँगल की आड. तलाशने कार्य करते देखे जाते वशिदेँ को शासन की मंशा के अनुरूप नगर पंचायत कोड़ा जहानाबाद में कस्बा को ओडीएफ घोषित कर कागजी खेल साबित कर दिया वही जमीनी हकीकत पर लगभग एक सैकड़ा से अधिक परिवार आज भी खेतों मे खुले में शौच के लिए मजबूर होते दिख रहे हैं जहा एक ओर कस्बे के मोहल्ला मियां टोला वार्ड नंबर एक पर सैकड़ों की तादाद पर घरों पर इज्जत घर शौचालय नहीं बने होने के कारण लोगों को दूर जंगल तथा खेतों की झाड़ियों के आड़ पर खुले में शौच करने को मजबूर हैं वार्ड की पूजा तेजिया जय देवी चंद्रभान छेदीलाल रामप्रकाश गुलाम अल्लाजियाई रियाज आशिक मकबूल साबिर लक्ष्मीदेवी रियाजुल अनवर चंदा शिवप्रकाश ममता लक्ष्मी ज्वाला रामआसरे मंजे रामबाबू कमला देवी रेशमा कल्लू राजमा आदि ने बताया उन्हें कुछ माह पूर्व नगर पंचायत के माध्यम से ₹चार की चेक प्राप्त हुई थी जिस पर उन्हें शौचालय बनवाए जाने का निर्देश मिला था किंतु उन्होंने शौचालय हेतु गड्ढा खोदकर बनवाने की आस पर आज भी दूसरी किस्त को तरस रहे हैं जहां एक ओर वार्ड वासियों का आरोप है उनके साथ चार हजार रुपए देकर मजाक से बना दिया गया है वहीं दूसरी तरफ नगर पंचायत अधिकारियों व कर्मचारियों ने भी भारत सरकार की बहुउद्देश्यीय योजना को कागज पर वार्ड को ओडीएफ घोषित कर शासन के मंसूबों पर पानी फेरने का काम किया जा रहा है जहां एक और नगर पंचायत ने कस्बे को शौच मुक्त घोषित कर सरकार को व अधिकारियों को गुमराह करने का कार्य किया है वहीँ वार्ड के सभासद धर्मेंद्र कुमार ने आरोप लगाया की वार्ड पर नगर पंचायत अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा सौतेला व्यवहार अपनाया जा रहा है जिसके लिए वह उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर शिकायत करेंगे।*
*Crime18 News|| Reporter~संदीप कुमार*
*भारत सरकार के बहुउद्देशीय योजना स्वच्छभारत मिशन को आइना दिखा रहा है वार्ड मियां टोला सख्यां 01 इज्जत घर (शौचालय) के नाम महज चार हजार की भुगतान चेक रुपए देकर बनवाने का दम भर रही है नगर पंचायत जहानाबाद जहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार स्वच्छ भारत मिशन के बड़े-बड़े दावे का प्रचार-प्रसार कर स्वच्छ भारत की दम भरते दिखाई दे रहे है वहीँ इसी योजना को नगरपचाँयत आइना दिखाने का कार्य कर रही हैं नगर पंचायत जमीनी हकीकत देखने को मिलती हैं जब सुबह शाम उपरोक्त वार्ड के निवासी शौच क्रिया हेतु अपने घरों से निकल जँगल की आड. तलाशने कार्य करते देखे जाते वशिदेँ को शासन की मंशा के अनुरूप नगर पंचायत कोड़ा जहानाबाद में कस्बा को ओडीएफ घोषित कर कागजी खेल साबित कर दिया वही जमीनी हकीकत पर लगभग एक सैकड़ा से अधिक परिवार आज भी खेतों मे खुले में शौच के लिए मजबूर होते दिख रहे हैं जहा एक ओर कस्बे के मोहल्ला मियां टोला वार्ड नंबर एक पर सैकड़ों की तादाद पर घरों पर इज्जत घर शौचालय नहीं बने होने के कारण लोगों को दूर जंगल तथा खेतों की झाड़ियों के आड़ पर खुले में शौच करने को मजबूर हैं वार्ड की पूजा तेजिया जय देवी चंद्रभान छेदीलाल रामप्रकाश गुलाम अल्लाजियाई रियाज आशिक मकबूल साबिर लक्ष्मीदेवी रियाजुल अनवर चंदा शिवप्रकाश ममता लक्ष्मी ज्वाला रामआसरे मंजे रामबाबू कमला देवी रेशमा कल्लू राजमा आदि ने बताया उन्हें कुछ माह पूर्व नगर पंचायत के माध्यम से ₹चार की चेक प्राप्त हुई थी जिस पर उन्हें शौचालय बनवाए जाने का निर्देश मिला था किंतु उन्होंने शौचालय हेतु गड्ढा खोदकर बनवाने की आस पर आज भी दूसरी किस्त को तरस रहे हैं जहां एक ओर वार्ड वासियों का आरोप है उनके साथ चार हजार रुपए देकर मजाक से बना दिया गया है वहीं दूसरी तरफ नगर पंचायत अधिकारियों व कर्मचारियों ने भी भारत सरकार की बहुउद्देश्यीय योजना को कागज पर वार्ड को ओडीएफ घोषित कर शासन के मंसूबों पर पानी फेरने का काम किया जा रहा है जहां एक और नगर पंचायत ने कस्बे को शौच मुक्त घोषित कर सरकार को व अधिकारियों को गुमराह करने का कार्य किया है वहीँ वार्ड के सभासद धर्मेंद्र कुमार ने आरोप लगाया की वार्ड पर नगर पंचायत अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा सौतेला व्यवहार अपनाया जा रहा है जिसके लिए वह उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर शिकायत करेंगे।*



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