फतेहपुर चौरासी, उन्नाव
*भाईदूज के दिन राजेपुर में हवा धनुष भंग का आयोजन*
*उन्नाव ब्यूरो मोहित मिश्रा रिपोर्ट*
क्षेत्र के गाँव राजेपुर मे लगभग दो दशक से चली आ रही परम्परा का निर्वाह करते हुए ग्रामवासियो द्वारा इस वर्ष भी दीपावली के बाद भाई दूज के दिन शुक्रवार9नवम्बर को धनुष भंग का आयोजन किया गया।आयोजक चन्द्रकान्त तिवारी, कमला कान्त तिवारी, देवेन्द्र दीक्षित, देवी प्रसाद दीक्षित आदि ने सभी दर्शकों का आभार व्यक्त किया।धनुष भंग की लीला में राम लक्ष्मण का सन्ध्या वंदन जहां सराहनीय रहा।वहीं जनक विलाप, रावण बाणासुर संवाद, लक्ष्मण क्रोध और लक्ष्मण परशुराम संवाद पर सभी नेखूब तालियां बजाई।धनुष टूटने की आवाज सुनकर जब परशुराम आँखे लाल पीलीकरते जनक पुर पहुँचे तो सारा समाज भयभीत हो गया।लेकिन लक्ष्मण ने मोर्चा संभाल लिया और परशुराम के गुस्से को कम करने का प्रयास किया लेकिन जब गुस्सा कम नही हुआ तो राम ने अपने वास्तविक रूप से जब परिचित कराया तो वह राम का गुणगान करते चले गए।
*भाईदूज के दिन राजेपुर में हवा धनुष भंग का आयोजन*
*उन्नाव ब्यूरो मोहित मिश्रा रिपोर्ट*
क्षेत्र के गाँव राजेपुर मे लगभग दो दशक से चली आ रही परम्परा का निर्वाह करते हुए ग्रामवासियो द्वारा इस वर्ष भी दीपावली के बाद भाई दूज के दिन शुक्रवार9नवम्बर को धनुष भंग का आयोजन किया गया।आयोजक चन्द्रकान्त तिवारी, कमला कान्त तिवारी, देवेन्द्र दीक्षित, देवी प्रसाद दीक्षित आदि ने सभी दर्शकों का आभार व्यक्त किया।धनुष भंग की लीला में राम लक्ष्मण का सन्ध्या वंदन जहां सराहनीय रहा।वहीं जनक विलाप, रावण बाणासुर संवाद, लक्ष्मण क्रोध और लक्ष्मण परशुराम संवाद पर सभी नेखूब तालियां बजाई।धनुष टूटने की आवाज सुनकर जब परशुराम आँखे लाल पीलीकरते जनक पुर पहुँचे तो सारा समाज भयभीत हो गया।लेकिन लक्ष्मण ने मोर्चा संभाल लिया और परशुराम के गुस्से को कम करने का प्रयास किया लेकिन जब गुस्सा कम नही हुआ तो राम ने अपने वास्तविक रूप से जब परिचित कराया तो वह राम का गुणगान करते चले गए।



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