एसजी साह 'गोविंद' सिंगरौली( बैढ़न )

बीते मंगलवार कि दोपहर माजन मोड़ राजीव चौक स्थित एक कुख्यात विभाग के विख्यात अधिकारी से खबरी भाई कि भिड़ंत हो गई।
 मामला कुछ नहीं यूं था कि खबरी भाई दफ्तर का फोटो लेकर चलता बना और दौड़ते हुए दो तीन कर्मचारी आ पहुंचे ,,,कहा कि साहब ने अंदर बुलवाया है । अब साहब का गुस्सा सातवें आसमान पर,,,!
अपने आप को जटायु बताते हुए अफसर भड़क उठे,,,?
 खूब खरी खोटी सुनाई तथा औकात में ला देने कि बात कही मौके पर खबरी भी विनम्र भाव मे सरलता से पूरी बात सुनने के बाद अपनी सुनाने लगा जहां पर अफसर ने कहा कि तुम संपाती हो तो मैं जटायू हूं मेरी गिद्ध दृष्टि वहां तक जाती है जहां लोग देख नहीं सकते,,,,!
  इस दौरान जटायु ने अपने अधिनस्थों को कहा कि दैनिक भास्कर के वसूली अधिकारी (love less)प्रेम विहीन पांडे को फोन लगाओ ,,,?
खबरी भाई ने भी बोला कि जिसे ककहरा लिखना नहीं आता उसे क्या करेंगे बुला के, ऐसे लोगों को अगर आप बुला रहे हैं तो थू है ऐसी जटायु गीरी की ,,,,,!
बात करना है तो आप अवस्थी और श्रीवास्तव से लेकर अग्रवाल तक बात करिए,,,,?
 आनन फानन में जटायु महोदय ने 2 - 4 नव प्रवेशी खबरी भाइयों को बुलवाया ।
नजारा समझ में आने पर जटायु नॉर्मल हुए उच्च रक्तदाब डाउन हुआ ।
तथा सरलता से बात करते हुए अपनी गलती स्वीकारी तथा प्रेमालाप करने लगे।
 इस बात को लेकर कलमकारों में खासा चर्चा का विषय बना हुआ है।
*विधायक कहिन*-गंभीर बात है हमका नही बताये दादू।

*कहिन मिस्राईन*-तुम लगे रहा भाई मसाला कम परी त,,बताय दिहै कुंभकरण अऊ मसस्टराईन केर किस्सा हमरे लगे धरा लाग है।

*सेमराबाबा कहेन*-का,,दाऊ कहां झूरै झार भटकत बाला ,,,?
आवा हमरे मंदिर में करिया मुर्गी एक ठे नरियर ले कै,,जटायु कै पांखी हम काटब।
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