एक्सक्लुसिव न्यूज



शिकायत करने के बावजूद भी नहीं हो रहा मामले का निस्तारण

डाक कर्मियों की अनियमित कार्यप्रणाली से खाता धारक परेशान

वहीं दूसरी ओर

खाता धारकों के प्रति दरियादिली दिखाना शाखा डाक पाल को मँहगा पड़ा
निरीक्षक डाक घर कर्वी ने किया पद में फेरबदल

हरी नारायण पाण्डेय

चित्रकूट

 जनपद चित्रकूट में डाक विभाग की स्थिति बदतर होती दिख रही है जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा सब कुछ जानने के बावजूद अनजान बने रहने से आम जनता भी हतप्रभ है
आज डाक विभाग की आवश्यक सेवाओं की गति इतनी मन्द है कि छात्रों के द्वारा परीक्षा के लिए डाले गए प्रवेश पत्र के रजिस्टर्ड पत्र भी समयावधि बीत जाने के महीनों बाद ही आम जनता को डाक विभाग के कर्मचारियों द्वारा पहुंचाये जा रहे हैं  जिससे इस व्यवस्था पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं आज आलम यह है कि न तो डाक सेवा सही तरीके से चल रही है और न ही भारत सरकार द्वारा संचालित महत्वपूर्ण योजनाएं ठीक तरह से क्रियान्वित होती दिख रही हैं

 चित्रकूट जनपद के तहसील मऊ में स्थापित
डाक घर मऊ छीबों की लापरवाही से शाखा डाक घर छीबों में खाता धारकों के संचालित बचत खाते अधर में अटके हुए हैं छीबों डाक घर के शाखा डाक पाल नन्द लाल सिंह ने खाता धारकों के प्रति दरियादिली जताने की ओर उपक्रम करते  लेकिन डाक विभाग के इंस्पेक्टर द्वारा उन्हें काम में लापरवाही बरतने के मनगढ़ंत आरोप में उन पर कार्यवाही करते हुए उनके सारे अधिकार छीन लिए और उनके पद को भी छोटा कर दिया
हैरत की बात यह है कि डाक विभाग के जिम्मेदार अधिकारी द्वारा मामले की तह तक जाकर सच्चाई जानने की भी जरूरत नहीं समझी गई जिससे अन्य सभी कर्मचारियों में गहरा आक्रोश व्याप्त है

छीबों डाक घर का संछिप्त विवरण

ब्रिटिश साम्राज्य से छीबों गांव में डाक सेवा के लिए स्थापित किया गया डाक घर अब तक अपने कर्मचारियों के अथक परिश्रम के कारण आम जनता को भरोसे में रख ग्रामीण क्षेत्र में अपनी विश्वसनीयता बनाये हुए है


 विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार शाखा डाक घर छीबों में सैकड़ों की संख्या में क्षेत्रीय ग्रामीण अपनी बुनियादी सुविधाओं को दर किनार कर  लक्ष्य के सापेक्ष बचत खाता के रूप में सरकार द्वारा डाक विभाग में संचालित आर डी की ओर आकर्षित हुए थे लेकिन विभाग द्वारा हाल ही में प्रत्येक डाक घरों को हाईटेक करते हुए सभी डाक घरों में कम्प्यूटर की आवस्यकता अनिवार्य रूप से सुनिश्चित कराने के दिशा निर्देश जारी किए जिससे डाक
  विभाग निर्धारित समय सीमा पर चित्रकूट मण्डल के प्रत्येक डाक घरों तक कम्प्यूटर तो उपलब्ध करा दिया  पर गुणवत्तापूर्ण कम्प्यूटर न होने से कुछ ग्रामीण डाक घरों पर बिगड़े कम्प्यूटर ही थमा दिए गए

उधर डाक विभाग के जिम्मेदार उच्च अधिकारियों द्वारा सभी उप /शाखा /ग्रामीण डाक घरों को  निर्देशित किया गया  कि सभी खातों को अविलम्ब कम्प्यूटर पर फीडिंग करते हुए ही अग्रिम खाता का संचालन निष्पादित किया जाये

परन्तु हैरानी की बात है कि जिस कम्प्यूटर को सीखने में वर्षों तक लग जाते हैं फिर भी पूरी तरह से  कम्प्यूटर के बृहद प्रकल्पों की अनभिज्ञता बनी रहती है लेकिन डाक विभाग द्वारा उसी कम्प्यूटर को चलाने के लिए महज 15 दिन में ही सेवानिवृत्त होने की दहलीज पर दस्तक दे चुके अपने अधिकृत वयोवृद्ध डाक कर्मियों को प्रशिक्षित करा दिया
महज़ कुछ ही दिन के प्रशिक्षित डाक कर्मी कम्प्यूटर पर कितनी तन्मयता से कार्य कर रहे हैं इसका आंकलन विभाग द्वारा नहीं किया गया जिसका खामियाजा खाता खुलवाने वाली निरीह जनता को भुगतना पड़ रहा है
सिस्टम के आगे बेबस ग्रामीण क्षेत्र की मासूम जनता शाखा डाक घर छीबों में अपने खाते का सफल संचालन करते हुए मासिक रकम जमा करते रहे परन्तु डाक घर छीबों में कम्प्यूटर की खराबी के कारण खाता पासबुक की फीडिंग नहीं हो सकी जिसके कारण शाखा डाक पाल नन्द लाल सिंह ने खाता संचालित करते हुए सिर्फ पासबुक में रकम जमा कर रुपयों को डाक विभाग के खाते में प्लस करते रहे और इस प्रक्रिया के समाधान के लिए उप डाक घर मऊ चित्रकूट से अपने डाकघर के पूरे खातों को कम्प्यूटर पर फीडिंग कराने में सहयोग की मांग की
परन्तु उप डाक घर मऊ के गैर जिम्मेदार सहायक पोस्ट मास्टर मन भावन कुशवाहा के ढुलमुल रवैये के कारण एक आध को छोड़ बाकी सभी संचालित लगभग 200 आर डी पासबुक कम्प्यूटर में फीड नहीं हो सकीं जिसके कारण सभी खाता संचालित न हो पाने के कारण बन्द हो गई

वहीं दूसरी तरफ 5 वर्ष की समयावधि पूर्ण कर चुकी लगभग एक लाख रुपये की आर डी खाता पासबुक विड्रॉल के लिए मऊ डाक घर में  विचाराधीन पड़ी हुई हैं जिनका भुगतान लगभग एक लाख रुपए का होना है वर्षों पहले से भेजी गई खाता पासबुक डाक घर मऊ के कर्मचारियों की लापरवाही से आज भी धूल फांक रही हैं लेकिन कोई जिम्मेदार अब तक उक्त सभी मामलों पर निस्तारण के बजाय जानबूझकर लीपापोती कर रहे हैं इन कर्मचारियों के द्वारा अब तक एक भी खाता पासबुक का निस्तारण नहीं किया जा सका है

ऐसा कोई मऊ डाक घर में ही नहीं हो रहा है राजापुर डाक घर में भी कई लोगों की पासबुक विड्रॉल हेतु दो साल पहले से पड़ी धूल फांक रही हैं लेकिन अब तक वहाँ भी कुछ नहीं हो सका है

मऊ डाक विभाग द्वारा किए गए एक मनी आर्डर के साथ खेल का नमूना पेश हैं

आखिर कहाँ गया मनी आर्डर

 रोहित सिंह ने बताया कि वह अपने एक रिश्तेदार राजबहादुर सिंह कछवाह ग्राम पोस्ट रानीपुर जिला बाँदा के पते पर 3 हजार रुपए का मनीआर्डर डाक घर छीबों से भेजा था जो यहां छीबों डाक घर में  रसीद संख्या 96 दर्ज है
 22 अगस्त 2016 को छीबों डाक घर से मऊ डाक घर रिसीव भी हो गयी परन्तु  अभिलेख बता रहे हैं कि उक्त मनीआर्डर को मऊ डाक घर के जिम्मेदार कर्मचारियों ने माह मई 2017 को डाक विभाग के हिसाब में शामिल किया था इतना बड़ा खेल क्यों किया गया यह तो वही जानें परन्तु 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक उक्त मनीआर्डर अपने गंतव्य स्थान तक नहीं पहुंच सका ये हैरान करने वाली बात है और उसके बाद भी डाक विभाग द्वारा यह मनीआर्डर वापस भी नहीं किया गया है जो चौंकाने वाला है

 सवाल खड़े होते हैं   विभाग की व्यवस्था पर

 जब आप निम्नांकित पते पर डाक नहीं प्राप्त करा सकते हैं तो कम से कम डाक को वापसी करा कर प्रेषक को तो वापस कर ही सकते हैं लेकिन यहां पर ऐसा नहीं किया गया

आखिर क्यों

सवाल खड़े होना स्वाभाविक है
इस प्रकरण में
प्रेषक रोहित सिंह ने  पी एम जी कानपुर तथा डाक अधीक्षक बाँदा को पत्र लिखकर जाँच कराने की मांग की है जो दो साल से चल  रही है पर अब तक इस जाँच का असर यहां इन सभी कर्मचारियों पर पड़ता नहीं दिखाई दे सका है

  लेकिन इस प्रकरण के सामने आने से डाक विभाग की अत्याधुनिक तकनीक से लैस तेज रफ्तार वाली सेवा का सहज अंदाजा तो लगाया जा सकता है


खाता धारकों के प्रति दरियादिली दिखाना पोस्ट मास्टर को मँहगा पड़ा

निरीक्षक डाक घर कर्वी ने की कार्यवाही


निरीक्षक डाक घर कर्वी ने 04 अगस्त 2017 को शाखा डाक घर छीबों का निरीक्षण किया था जिसमें उन्होंने विभागीय स्तर से निर्देशित नियम पर चर्चा करते हुए कहा था कि जब 5 हजार रुपए के अलावा शाखा में धनराशि नहीं रखी जा सकती है तो पूर्व में लाखों रुपए शाखा डाक घर छीबों में क्यों रोके रखा गया ये तो विभागीय लापरवाही है इसलिए कार्यवाही की जायेगी और फिर तत्काल प्रभाव से कार्यवाही करते हुए नन्द लाल सिंह को अपने  bpm ( शाखा डाक पाल ) के पद से हटा कर सजा के तौर पर पोस्ट मैन ( रनर ) के पद पर तैनात कर दिया और फिर तत्काल चार्ज लेकर पूर्व में इसी डाक घर में तैनात रहे देवशरण सिंह को बरिया से छीबों में तैनात कर दिया

 उक्त मामले पर जब डाक घर छीबों के पीड़ित कर्मचारी नंदलाल सिंह से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि उपरोक्त कार्यवाही पर विभागीय अधिकारियों ने मुझसे कोई बात नहीं की जबकि सच्चाई यह है कि उस समय पर मेरे डाक घर में रकम अवश्य जमा थी परन्तु मेरे द्वारा लगभग दो लाख रुपए की आर डी पास बुक की कापी विड्रॉल हेतु डाक घर मऊ में भेजी गई थी और हमें उम्मीद थी कि अविलम्ब स्वीकृति प्रदान करते हुए भुगतान करने का निर्देश जारी किया जा सकता है जिसके कारण डाक घर में रकम रोकी गई थी परन्तु डाक घर मऊ ने विड्रॉल स्वीकृति के पहले ही रकम डाक घर मऊ में जमा करने का निर्देश दे दिया जिसके अनुपालन में हमने 17 जुलाई 2017 को पूरी रकम डाक घर मऊ में जमा  कर दिया
इसके बाद 18 जुलाई 2017 को राम शंकर मिश्रा की 70 हजार रुपये की आर डी पास बुक डाक घर मऊ ने विड्रॉल स्वीकृत कर भेजी परन्तु डाक घर छीबों का पूरा पैसा डाक घर मऊ में जमा हो जाने की वजह से भुगतान नहीं हो सका लगभग दो महीने की लम्बी जद्दोजहद के बाद ही खाता धारक राम शंकर मिश्रा अपनी गाढ़ी कमाई की रकम डाक विभाग से वसूल करने में सफल हो सके शेष काँपी आज भी धूल फांक रही हैं

 लेकिन मेरे ऊपर विभागीय लापरवाही  बरतने का जो झूठा आरोप लगाया जा रहा है वह मेरी समझ से परे है मेरे पास विभाग का जो भी धन बैलेंस में रहता है उसका उपयोग अब तक विभागीय नियमानुसार नियमित तौर तरीकों से ही किया जाता रहा है व्यक्ति गत तौर पर कभी भी प्रयोग में नहीं लिया गया है मेरे द्वारा अब तक प्रयास किया गया कि ग्रामीण आम जनता / खाता धारक को सुगमता से डाक विभाग की योजनाओं का लाभ मिलता रहे पर लगता है यही मेरी सबसे बड़ी गलती की वजह बनी
 मुझ पर कार्यवाही  करने का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि मेरे द्वारा विभाग की रकम रोकने का उद्देश्य मऊ से विड्रॉल स्वीकृति प्रदान होते ही खाता धारकों को अविलम्ब भुगतान कराने से था फिर भी मेरे द्वारा विभागीय अधिकारियों के निर्देश का अनुपालन किया गया है

सवाल खड़े होते हैं कि यदि डाक विभाग के कानून में गलती होने पर जुर्म का प्रावधान है संवैधानिक रूप से  नियमानुसार कार्यवाही करने का प्राविधान है तो जिस नियम के  अनुसार डाक विभाग की रकम को डाक घर में ही रोकना अपराध के क्षेत्र में परिभाषित किया गया जिसके उलंघन पर यहां विभागीय कार्यवाही की गई
 तो फिर उन सभी डाक विभाग के कर्मचारियों के ऊपर वही कार्यवाही अब तक क्यों नहीं शुरू की गई जो वर्ष बीतने के बाद भी आज तक किसी भी खाता धारक को उसी की गाढ़ी कमाई को वापस नहीं कर रहे हैं रकम रोकना गुनाह है तो यहां पर भी यही अपराध विभागीय डाक कर्मचारियों के द्वारा किया गया है
इस संदर्भ पर डाक घर मऊ से सम्पर्क स्थापित किया गया लेकिन मऊ डाक
 विभाग द्वारा किसी भी जानकारी से अनभिज्ञता जताई जा रही है
ऐसे में खाता धारकों में विभाग के प्रति असमंजस की स्थिति बनी हुई है
वहीं डाक विभाग की व्यवस्था की भेंट चढ़े शोषित पीड़ित डाक कर्मी अपने साथ हुए अन्याय पूर्ण कार्यवाही पर उच्च अधिकारियों से न्याय पाने की उम्मीद पर अपनी बात कहने का दुस्साहस नहीं जुटा पा रहा है
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