**
सफाई व्यवस्था के नाम पर जिम्मेदार डकार रहे रकम
लोगों के स्वास्थ्य से किया जा रहा खासा मज़ाक
*महोबा जैतपुर*। प्रधानमंत्री जी के स्वच्छ भारत मि
शन में कोई कसर न छोड़ते हुए अच्छी तरह से लगाया जा रहा है पलीता,स्वच्छता के नाम पर किया जा रहा खिलवाड़।
*क्या ऐसे बढेगा एक कदम स्वच्छता की ओर*
गौरतलब है कि बेलाताल के मैन बस स्टैण्ड और चैराहे पर सालों से गंदगी का अंबार लगा हुआ है,जिसकी सफाई करवाने के लिए जैतपुर विकासखण्ड कार्यालय में दो बार प्रार्थना पत्र लिखित रूप में दिया जा चुका है,उस पर अमल न करते हुए एवं नजरअंदाज कर किसी कचड़े के डिब्बे में डाल दिया गया।
आज देखा जाए तो समस्या बड़ी बनती जा रही है बरसात के आरम्भ होते ही कचड़े के ढेर में अनेक प्रकार के विषैले कीड़े जन्म ले रहे हैं, और इकट्ठे कचड़े की सड़न से बुरी बदबू फैल रही है जो लोगों में बीमारी का कारण बन रही है।अधिक बदबू के कारण वहां निवास करने वाले लोगों को इस परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
*नगर के अन्य स्थान भी नही हैं स्वच्छ* नगर के अनेक गली मोहल्लों में कचड़े के ढेर लगे हुए हैं, जगह जगह गंदगी का बड़ा बाजार लगा हुआ है, पुलिस चौकी के बगल में,बीज गोदाम के सामने पिछले कई वर्षों से कचड़े के ढेर लगे हुए हैं जो नगर की दुर्दशा की ओर संकेत कर रहे हैं।
*महीनों से भरे डस्टबीन(कूड़ादान)नही हो रहे खाली* स्वच्छता के नाम पर शोपीस बनकर रह गए हैं डस्टबिन कूड़ादान एक बार बाहर जाने पर महीनों खाली नहीं करवाए जाते कूड़ादान जिससे वही कूड़ादान के आसपास कचरा इकट्ठा(ढेर) होने लगता है और गंदगी का कारण बनता है।
जिम्मेवारों द्वारा नियमों को ताक पर रखकर इस प्रकार स्वच्छ भारत मिशन की धज्जियां उड़ाई जा रही।
वहां पर निवास करने वाले लोगों एवं दुकानदारों-जीतेंद्र दुवे,आशेन्द्र दीक्षित, छोटू मिश्रा, सतीश सेन,लक्ष्मी सेन आदि में सफाई की इस लचर व्यवस्था के चलते असंतोष दिखाई दे रहा है।
*महोबा से ब्यूरो रिपोर्ट कुलदीप मिश्रा*
सफाई व्यवस्था के नाम पर जिम्मेदार डकार रहे रकम
लोगों के स्वास्थ्य से किया जा रहा खासा मज़ाक
*महोबा जैतपुर*। प्रधानमंत्री जी के स्वच्छ भारत मि
शन में कोई कसर न छोड़ते हुए अच्छी तरह से लगाया जा रहा है पलीता,स्वच्छता के नाम पर किया जा रहा खिलवाड़।
*क्या ऐसे बढेगा एक कदम स्वच्छता की ओर*
गौरतलब है कि बेलाताल के मैन बस स्टैण्ड और चैराहे पर सालों से गंदगी का अंबार लगा हुआ है,जिसकी सफाई करवाने के लिए जैतपुर विकासखण्ड कार्यालय में दो बार प्रार्थना पत्र लिखित रूप में दिया जा चुका है,उस पर अमल न करते हुए एवं नजरअंदाज कर किसी कचड़े के डिब्बे में डाल दिया गया।
आज देखा जाए तो समस्या बड़ी बनती जा रही है बरसात के आरम्भ होते ही कचड़े के ढेर में अनेक प्रकार के विषैले कीड़े जन्म ले रहे हैं, और इकट्ठे कचड़े की सड़न से बुरी बदबू फैल रही है जो लोगों में बीमारी का कारण बन रही है।अधिक बदबू के कारण वहां निवास करने वाले लोगों को इस परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
*नगर के अन्य स्थान भी नही हैं स्वच्छ* नगर के अनेक गली मोहल्लों में कचड़े के ढेर लगे हुए हैं, जगह जगह गंदगी का बड़ा बाजार लगा हुआ है, पुलिस चौकी के बगल में,बीज गोदाम के सामने पिछले कई वर्षों से कचड़े के ढेर लगे हुए हैं जो नगर की दुर्दशा की ओर संकेत कर रहे हैं।
*महीनों से भरे डस्टबीन(कूड़ादान)नही हो रहे खाली* स्वच्छता के नाम पर शोपीस बनकर रह गए हैं डस्टबिन कूड़ादान एक बार बाहर जाने पर महीनों खाली नहीं करवाए जाते कूड़ादान जिससे वही कूड़ादान के आसपास कचरा इकट्ठा(ढेर) होने लगता है और गंदगी का कारण बनता है।
जिम्मेवारों द्वारा नियमों को ताक पर रखकर इस प्रकार स्वच्छ भारत मिशन की धज्जियां उड़ाई जा रही।
वहां पर निवास करने वाले लोगों एवं दुकानदारों-जीतेंद्र दुवे,आशेन्द्र दीक्षित, छोटू मिश्रा, सतीश सेन,लक्ष्मी सेन आदि में सफाई की इस लचर व्यवस्था के चलते असंतोष दिखाई दे रहा है।
*महोबा से ब्यूरो रिपोर्ट कुलदीप मिश्रा*



Post A Comment:
0 comments so far,add yours