नमस्कार मैं पवन कुशवाहा
एक छोटा सा जर्नलिस्ट
आज बात करते है चाहने की और न मिलने की मैं आज आपको अबगत कराता हु पवन कुशवाहा हमेशा देखी हुई और बीती हुई बात लिखता है
शुरुआत करते
आपको बता दे एक फोन कॉल आता है हमारे पास जिसमे एक मीठी सी कोयल सीआबाज आती है मैं उस आबाज का दीवाना हो जाता हूं कुछ दिन बाद बात इतनी आगे होने लगी साथ साथ जीने मरने को कसमे खाने लगे दिन रात बात करने लगे आपको बता दे कुछ शब्द नही क्या क्या बाते होने लगी सपनो की दुनिया सजने लगी पर पता नही अचानक किसकी नजर लगी अधूरे प्यार को कभी पुरा होने की जो खोआइस थी वो टूटने लगी वो मीठी आबाज कानो में गूंजने लगी दिन रात सोचने लगे पर उम्मीद का पहाड़ टूटने लगा खैर प्यार तो कभी पूरा होता नही इसी लिए अब हम दीवानगी करेंगे जो पुरी होगी धन्यबाद ए महज एक सुझाब औऱ विचार ब जानकारी है



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