तिर्वा। तिर्वा तहसील क्षेत्र के गांव मढपुरा में सात दिवसीय बुद्ध कथा का आयोजन किया गया जिसमें बौद्ध कथा वाचिका दीपिका सुधा बौद्ध नगला उम्मेद पो० सरोल जनपद एटा से पधारी हुई है। दीपिका सुधा के मुखारू बिन्दू से कथा के प्रथम दिन भगवान गौतम बुद्ध के जन्म का वर्णन करते हुए कहा कि गौतम बुद्ध का जन्म ईसा से 563 साल पहले जब कपिलवस्तु की महारानी महामाया देवी अपने नैहर देवदह जा रही थीं। तो रास्ते में लुम्बिनी वन में हुआ। यह स्थान नेपाल के तराई क्षेत्र में कपिलवस्तु और देवदह के बीच नौतनवा स्टेशन से 8 मील दूर पश्चिम में रुक्मिनदेई नामक स्थान है। वहां आता है। जहां एक लुम्बिनी नाम का वन था। उनका नाम सिद्धार्थ रखा गया। उनके पिता का नाम शुद्धोदन था। जन्म के सात दिन बाद ही मां का देहांत हो गया। सिद्धार्थ की मौसी गौतमी ने उनका लालन पालन किया। सिद्धार्थ ने गुरु विश्वामित्र के पास वेद और उपनिषद् तो पढ़े ही राजकाज और युद्ध-विद्या की भी शिक्षा ली। कुश्ती घुड़दौड़ तीर कमान रथ हांकने में कोई उसकी बराबरी नहीं कर पाता। सिद्धार्थ के मन में बचपन से ही करुणा भरी थी। उनसे किसी भी प्राणी का दुख नहीं देखा जाता था। यह बात इन उदाहरणों से स्पष्ट भी होती है। घुड़दौड़ में जब घोड़े दौड़ते और उनके मुंह से झाग निकलने लगता तब सिद्धार्थ उन्हें थका जान कर वहीं रोक देते और जीती हुई बाजी हार जाते थे। खेल में भी सिद्धार्थ को खुद हार जाना पसंद था क्योंकि किसी को हराना और किसी का दुखी होना उनसे नहीं देखा जाता था। एक समय की बात है सिद्धार्थ को जंगल में किसी शिकारी द्वारा तीर से घायल किया हंस मिला। उन्होंने उसे उठाकर तीर निकाला सहलाया और पानी पिलाया। उसी समय सिद्धार्थ का चचेरा भाई देवदत्त वहां आया और कहने लगा कि यह शिकार मेरा है मुझे दे दो। सिद्धार्थ ने हंस देने से मना कर दिया और कहा कि तुम तो इस हंस को मार रहे थे। मैंने इसे बचाया है। अब तुम्हीं बताओ कि इस पर मारने वाले का हक होना चाहिए कि बचाने वाले देवदत्त ने सिद्धार्थ के पिता राजा शुद्धोदन से इस बात की शिकायत की। शुद्धोदन ने सिद्धार्थ से कहा कि यह हंस तुम देवदत्त को क्यों नहीं दे देते आखिर तीर तो उसी ने चलाया था।
इस मौके पर मढपुरा के प्रधान ब्रह्मादीन शाक्य,रमेश शाक्य,धनीराम शाक्य,राजीव शाक्य,नरेंद्र शाक्य,आनन्द शाक्य,सुरेश शाक्य,प्रवेश शाक्य,बलराम शाक्य,किशन शाक्य,विनय शाक्य,अर्जुन कुमार,जितेंद्र शाक्य आदि भक्त गण मौजूद रहे।
इस मौके पर मढपुरा के प्रधान ब्रह्मादीन शाक्य,रमेश शाक्य,धनीराम शाक्य,राजीव शाक्य,नरेंद्र शाक्य,आनन्द शाक्य,सुरेश शाक्य,प्रवेश शाक्य,बलराम शाक्य,किशन शाक्य,विनय शाक्य,अर्जुन कुमार,जितेंद्र शाक्य आदि भक्त गण मौजूद रहे।



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