इन्दरगढ़ कन्नौज दर्शन राजपूत
इन्दरगढ़ के गाँव पूराराय मे राजपाल पुत्र गेंदनलाल ने वताया कि हम रिस्तेदारी गए थे घर पर वहू और वच्चे थे गुरूवार दोपहर वहू ने भारे पर आया नाज गल्ला भून कर वन्द कर करके सोने चली गई तभी अचानक भड़की चिंगारी ने वंगले मे रखे छप्पर सहित आनाज दोहजार रूपये कपड़े चारपाई आटा सहित सारी ग्रहस्थी जलाकर राख मे वदल दी गाँव वालो की मदद से किसी तरह आग पर कावू पाया गया नही तो गाँव तवाह हो जाता मेरे पास सूचना की गई कि तुम्हारी सब ग्रहस्थी जल गई घर आकर जो देखा मेरे हाथ पाँव फल गए अब वच्चो व परिवार का भरण पोषण कैसे करूगा जो मेरे पास था सब जल गया अब तो वब सरकार के सहारे हमारा परिवार आस में है सायद कुछ मदद मिल जाए तो परिवार को आसरा मिल जायेगा
इन्दरगढ़ के गाँव पूराराय मे राजपाल पुत्र गेंदनलाल ने वताया कि हम रिस्तेदारी गए थे घर पर वहू और वच्चे थे गुरूवार दोपहर वहू ने भारे पर आया नाज गल्ला भून कर वन्द कर करके सोने चली गई तभी अचानक भड़की चिंगारी ने वंगले मे रखे छप्पर सहित आनाज दोहजार रूपये कपड़े चारपाई आटा सहित सारी ग्रहस्थी जलाकर राख मे वदल दी गाँव वालो की मदद से किसी तरह आग पर कावू पाया गया नही तो गाँव तवाह हो जाता मेरे पास सूचना की गई कि तुम्हारी सब ग्रहस्थी जल गई घर आकर जो देखा मेरे हाथ पाँव फल गए अब वच्चो व परिवार का भरण पोषण कैसे करूगा जो मेरे पास था सब जल गया अब तो वब सरकार के सहारे हमारा परिवार आस में है सायद कुछ मदद मिल जाए तो परिवार को आसरा मिल जायेगा



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